
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 157 साल पुराने आईपीसी के धारा 377 को खत्म कर दिया। कोर्ट ने कहा कि रजामंदी से बनाए गए समलैंगिक संबंध अपराध नहीं हैं। एक-दूसरे के अधिकारों का सम्मान करना सर्वोच्च मानवता है। समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी में रखना बेतुका है। इसका बचाव नहीं किया जा सकता। दर्शकों पुराने इस कानून को बदलने के लिए लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ी। इनमें डांसर, शेफ, कारोबारी, जर्नलिस्ट से लेकर एनजीओ में काम करने वाले कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
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